अयोध्या में भ्रमण के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक एवं पर्यटन स्थल

 अयोध्या

अयोध्या भारत का शहर है| अयोध्या उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में सरयू नदी के तट पर स्थित है, जो कोसल के प्राचीन साम्राज्य की राजधानी थी। अयोध्या राम भगवान का जन्म स्थान माना जाता है| यह कई मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटकों आते है| अयोध्या के प्रसिद्ध मंदिरों, पर्यटन स्थलों और दर्शनीय स्थलों के लिए जाना जाता है| कनक भवन अयोध्या का प्रमुख दर्शनीय स्थल है अयोध्या में सबसे आकर्षक स्थानों में से एक है जहाँ की अद्भुत वास्तुकला की नजर हर पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। पर्यटकों के लिहाज से हनुमान गढ़ी अयोध्या के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर में स्थित हनुमान जी की मूर्ति पर्यटकों की बड़ी संख्या में स्वागत करती है|

अनेकों प्रख्यात राजा यथा इक्ष्वाकु, पृथु, मान्धाता, हरिश्चंद्र, सागर, भागीरथ, रघु, दिलीप, दशरथ तथा राम ने कोशल देश की राजधानी अयोध्या से शासन किया। उनके शासन काल में राज्य का वैभव शिखर पर पहुंचा तथा राम राज्य का प्रतीक बना।सरयू नदी के पूर्वी तट पर बसा अयोध्या नगर पुरातन काल के अवशेषों से भरा हुआ है। प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण व श्री रामचरितमानस अयोध्या के ऐश्वर्य को प्रदर्शित करते हैं।रामायण का एक प्रकरण, प्राचीन इतिहास का एक पन्ना तथा पर्यटन आकर्षण का एक समूह यह नगर तीर्थयात्रियों, इतिहासविदों, पुरातत्ववेत्ताओं तथा विद्यार्थियों हेतु प्रमुख केंद्र रहा है |

राम मंदिर



अयोध्या की पहचान ही सही मायने में राम मंदिर से है।राम जन्मभूमि मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो भारत के उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम जन्मभूमि के पवित्र तीर्थ स्थल पर पुनः नए रूप में बनाया जा रहा हेैं। राम जन्मभूमि राजा राम का जन्मस्थान है, जिन्हे भगवान विष्णु के सातवे अवतार के रूप में पूजा जाता है। मंदिर का निर्माण श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र द्वारा किया जाएगा।


हनुमान गढ़ी

इसका निर्माण एक किले की आकृति में हुआ है तथा 76 सीढ़ियाँ चढ़ कर यहाँ पहुंचा जा सकता है, इस तीर्थ नगर में 10वीं शताब्दी के प्राचीन मंदिर स्थित हैं | इसके हर कोने पर वृत्ताकार मोर्चाबंदी की गई है तथा ऐसा विश्वास किया जाता है कि यह वह स्थान है जहां हनुमान जी एक गुफा में रहे थे तथा नगर की रक्षा की थी |

इस मंदिर में हनुमान जी की एक स्वर्ण प्रतिमा स्थापित है, यह अयोध्या के सबसे सम्मानित स्थानों में से एक माना जाता है |

प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु हनुमान जी के पूजन तथा बुराइयों से अपनी रक्षा तथा समृद्धि व प्रसन्नता हेतु हनुमान गढ़ी के दर्शन करते हैं।

तुलसी स्मारक भवन

तुलसी स्मारक भवन महान संत कवि गोस्वामी तुलसी दास जी को समर्पित है | नियमित प्रार्थना सभाएं,भक्तिमय सम्मेलन तथा धार्मिक प्रवचन यहाँ आयोजित किए जाते हैं | इस परिसर में अयोध्या शोध संस्थान भी स्थित है जिसमें गोस्वामी तुलसी दास जी द्वारा रचित रचनाओं का संकलन है |

तुलसी स्मारक सभागार में प्रतिदिन 6:00 बजे अपराहन से लेकर 9:00 बजे अपराहन तक रामलीला का मंचन किया जाता है जो एक प्रमुख आकर्षण है |

सरयू नदी

उत्तर प्रदेश के प्रमुख जलमार्गों में से एक, सरयू नदी का उल्लेख प्राचीन हिन्दू ग्रन्थों यथा वेद तथा रामायण में मिलता है | “जो प्रवाहित हो रहा है” का वास्तविक अनुवाद किया जाए तो यह प्रवाह अयोध्या से होकर बहता है तथा ऐसा विश्वास किया जाता है कि इस नगर को पुनर्युवा बनाए रखता है तथा इस धार्मिक नगरी की अशुद्धियों को धो देता है |

विभिन्न धार्मिक अवसरों पर यहाँ सहस्रों श्रद्धालु वर्ष भर इस नदी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए आते हैं |

गुरुद्वारा

ब्रह्म कुंड तथा नज़रबाग में स्थित गुरुद्वारा गुरु नानक देव जी, गुरु तेग बहादुर जी तथा गुरु गोविंद सिंह जी से संबन्धित है | बड़ी संख्या में अनुयायी इन गुरुद्वारों के दर्शन करते हैं तथा श्रद्धा से शीश झुकाते हैं |

सूरज कुंड

यह दर्शन नगर में चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग पर अयोध्या से 4 किमी की दूरी पर स्थित है | सूरज कुंड एक बहुत बड़ा तालाब है जो चारों ओर से घाटों से घिरा है तथा आगंतुकों हेतु अति सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है | ऐसा विश्वास किया जाता है कि अयोध्या के सूर्यवंशी शासकों ने भगवान सूर्य के प्रति अपना सम्मान प्रकट करने हेतु इस कुंड का निर्माण करवाया था |

कुंड तथा घाट

यहाँ के प्रसिद्ध घाट तथा कुंड हैं राज घाट, राम घाट, लक्ष्मण घाट, तुलसी घाट, स्वर्गद्वार घाट, जानकी घाट, विद्या कुंड, विभीषण कुंड, दंत धवन कुंड, सीता कुंड इत्यादि | अन्य आकर्षक स्थानों में अमोवन मंदिर, दशरथ महल, जानकी महल, लक्ष्मण क़िला, लव-कुश मंदिर, मत्ताज्ञानदाजी मंदिर, राज गद्दी, श्री राम जानकी बिड़ला मंदिर तथा वाल्मीकि रामायण भवन प्रमुख हैं |

गुलाब बाड़ी

जैसा कि नाम से प्रकट होता है कि गुलाब बाड़ी एक गुलाब बगीचा है | विशाल बगीचे के अंदर ही शुजाऊद्दौला व उसके परिवार का मकबरा है |बगीचे की स्थापना 1775 ईस्वी में हुई तथा इसमें गुलाब के फूलों की बहुत सी प्रजातियाँ हैं | शानदार मकबरे का एक बहुत बड़ा गुंबद है तथा ये एक दीवार से घिरा हुआ है | इस परिसर में प्रवेश हेतु दो बड़े द्वार हैं |

बहू-बेगम का मकबरा

यह बेगम उम्मतुज़ ज़ोहरा बानो का अंतिम विश्राम स्थल है, जो नवाब शुजाऊद्दौला की बेगम थीं | यह मकबरा अवधी वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है | सम्पूर्ण परिसर हरियाली से भरा है तथा अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ए एस आई) के अंतर्गत एक संरक्षित स्थल है तथा इसकी देखरेख शिया बोर्ड कमेटी (लखनऊ) द्वारा किया जाता है | मुहर्रम के दौरान इसकी जीवंतता देखते ही बनती है |

यह अयोध्या की सबसी ऊंची इमारत है तथा इसके ऊपरी भाग से पूरे शहर का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है |

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