चित्रकूट। रौली गांव में शादी की खुशियां मातम में बदलने वाले लोडर चालक की झपकी ने छह लोगों को मौत की नींद सुला दिया। लोडर चालक रोहित यादव बांदा के अतर्रा का रहने वाला है। वह टमाटर लेकर चित्रकूट जा रहा था
हादसे के बाद पकड़ने जाने पर उसने बताया कि मंडी जल्दी पहुंचने के लिए वह तेज गति से चल रहा था। बीच बीच में उसे नींद आ रही थी। सीधा रास्ता आते ही वह झपकी ले लेता था। इससे गाड़ी थोड़ी दूर तक चली जाती थी। लेकिन जहां हादसा हुआ वहां सड़क घुमावदार थी। इस वजह से अनियंत्रित लोडर फुटपाथ की ओर बहक गया और हादसा हो गया।
उधर, शादी वाले घर में तेज उमस व गर्मी थी। इससे बचने के लिए बराती घर के बाहर फुटपाथ पर ताजा और ठंडी हवा में बैठे थे। देखते ही देखते काल बनकर आए लोडर ने उन्हें रौंद दिया।
चंद मिनट में मौके पर ही पांच लोगों की सांसें थम गईं। जिसने भी दृश्य देखा वह दहल गया। फुटपाथ पर घायलों और घर के लोगों में चीख पुकार मच गई। मोहल्ले वालों ने आनन फानन तीन घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
चार के बच्चों से उठा पिता का साया
मृतकों में चार नरेश, अरविंद, रामरूप व सोमदत्त के बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। दो भानू प्रताप व रोहित कुंवारे थे। उनके परिजनों का कहना है कि इन्हीं की कमाई से परिवार का भरण पोषण होता था, अब आगे जाने क्या होगा।
आंखों के सामने फैला तबाही का मंजर
रौली गांव में शादी में शामिल होने आए बांदा के बड़ोखर बुजुर्ग गिरवां निवासी प्रत्यक्षदर्शी घायल रामनारायण ने बताया कि वह सब बाहर खड़े थे। बांदा की ओर से तेज रफ्तार लोडर आते देखा, लेकिन अहसास नहीं था कि वह उनको ही रौंद देगा।
चंद मिनट में मौके पर ही पांच लोगों की सांसें थम गईं। जिसने भी दृश्य देखा वह दहल गया। फुटपाथ पर घायलों और घर के लोगों में चीख पुकार मच गई। मोहल्ले वालों ने आनन फानन तीन घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
चार के बच्चों से उठा पिता का साया
मृतकों में चार नरेश, अरविंद, रामरूप व सोमदत्त के बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। दो भानू प्रताप व रोहित कुंवारे थे। उनके परिजनों का कहना है कि इन्हीं की कमाई से परिवार का भरण पोषण होता था, अब आगे जाने क्या होगा।
आंखों के सामने फैला तबाही का मंजर
रौली गांव में शादी में शामिल होने आए बांदा के बड़ोखर बुजुर्ग गिरवां निवासी प्रत्यक्षदर्शी घायल रामनारायण ने बताया कि वह सब बाहर खड़े थे। बांदा की ओर से तेज रफ्तार लोडर आते देखा, लेकिन अहसास नहीं था कि वह उनको ही रौंद देगा।
कुछ सेकेंड के लिए वह आपस में बात करने लगे इसी बीच लोडर सभी को रौंदते हुए एकदम सामने आ गया। किसी को भागने का मौका नहीं मिला। एक मिनट भी नहीं लगा और तबाही का मंजर फैल गया।
मृतक नरेश दुल्हन कैलसिया की बड़ी बहन के पति थे। नरेश के छोटे भाई पप्पू ने बताया कि रौली गांव निवासी साली कैलसिया की शादी गांव के कालका के साथ तय कराई थी। बड़े उल्लास के साथ साली की शादी में बड़े भाई शरीक हुए थे। मृतक नरेश के एक पुत्री, पत्नी शिव देवी के आंसू नहीं थम रहे। मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते थे।
दूसरा रिश्तेदार मृतक राजेंद्र मजदूरी करता था। एक पुत्र, पत्नी गोमती का रो-रोकर बुरा हाल है। सोमदत्त भी मजदूरी कर जीविकोपार्जन करता था। हादसे के बाद दो पुत्र, पत्नी कविता सुधबुध खो बैठीं।
वहीं बांदा के जारी गांव से बैंडबाजा वाले बरात के साथ आए थे। मृतक रोहित चार भाई में छोटा था। मां लक्षमिनिया है। इसके अलावा मृतक रामरूप के एक पुत्र, दो पुत्री, पत्नी कोमल है। मृतक भानु प्रताप चार भाइयों में छोटा था। मां सोनाबाई हैं। तीनों बैंडबाजा बजाकर परिवार का भरण पोषण करते थे।
मृतक नरेश दुल्हन कैलसिया की बड़ी बहन के पति थे। नरेश के छोटे भाई पप्पू ने बताया कि रौली गांव निवासी साली कैलसिया की शादी गांव के कालका के साथ तय कराई थी। बड़े उल्लास के साथ साली की शादी में बड़े भाई शरीक हुए थे। मृतक नरेश के एक पुत्री, पत्नी शिव देवी के आंसू नहीं थम रहे। मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते थे।
दूसरा रिश्तेदार मृतक राजेंद्र मजदूरी करता था। एक पुत्र, पत्नी गोमती का रो-रोकर बुरा हाल है। सोमदत्त भी मजदूरी कर जीविकोपार्जन करता था। हादसे के बाद दो पुत्र, पत्नी कविता सुधबुध खो बैठीं।
वहीं बांदा के जारी गांव से बैंडबाजा वाले बरात के साथ आए थे। मृतक रोहित चार भाई में छोटा था। मां लक्षमिनिया है। इसके अलावा मृतक रामरूप के एक पुत्र, दो पुत्री, पत्नी कोमल है। मृतक भानु प्रताप चार भाइयों में छोटा था। मां सोनाबाई हैं। तीनों बैंडबाजा बजाकर परिवार का भरण पोषण करते थे।
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