हरिद्वार में भ्रमण के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक एवं पर्यटन स्थल

हरिद्वार भारत के उत्तराखंड राज्य का बहुत प्रसिद्ध जिला है। हरिद्वार में घूमने की जगह बहुत ही खूबसूरत और प्रसिद्ध है जहां पर हर साल भारी मात्रा में पर्यटक और श्रद्धालू घूमने और दर्शन करने आते हैं। उत्तराखंड में पहाड़ियों के बीच में स्थित इस स्थान को हिंदुओ के सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है।

यह शहर अपने धार्मिक स्थलों के लिए भारत के साथ साथ दुनियाभर में प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने इसी स्थान पर अपनी जटा को खोलकर गंगा नदी को मुक्त किया था। हरिद्वार में हर 12 साल में कुम्भ के मेले का भी आयोजन होता है।

हरिद्वार के एक घाट पर एक बार भगवान विष्णु प्रकट हुए थे जिनके पैरो के निशान आज भी मौजूद है। यहां पर गंगा नदी में स्नान करने पर अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिलती है। हरिद्वार में आप को कई ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर देखने को मिल जाएंगे।

1. ब्रह्मा कुंड

ये वही स्थान है जहाँ पर गंगा नदी पहाड़ो को छोड़कर समतल भूमि में प्रवेश करती है और ब्रह्मा कुंड का सबसे ज्यादा महत्त्व बताया गया है क्योकि इस स्थान पर भगवान ब्रह्म जी से यज्ञ करवाया था ।यहाँ पर भगवान वृषनु के चरणों के निशान मौजूद है भला सोचिये पूरे संसार के सौंदर्य को धारण करने बाले प्रभु के पैरो की धूल मिलने से जीवन धन्य हो जाये और यहाँ आकर उनके चरणों की धूल पाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है ।

2. हर की पौड़ी


हर की पौड़ी को हरिद्वार में सबसे पवित्र स्थान माना जाता है पौराणिक कथा के अनुसार कि यहां पर अमृत की बूंदे गिरी हुई थी इसीलिए कहा जाता है कि यहां गंगा स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। हरी की पौडी हरिद्वार में घूमने की जगह की सबसे खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस है यहाँ काफी संख्या में श्रद्धालु अपनी मनवांछित इक्षा की आस लेकर गंगा स्नानं करते है ।

दोस्तों हरी के पौड़ी हरिद्वार का सबसे पवित्र घाट है और साथ ही साथ गंगा नदी के तट पर होने बलि महा गंगा आरती काफी शानदार होती है इस आरती में लाखो की संख्या में श्रद्धालु हर दिन सम्मिलित होते है और दैवीय घाट का अद्भुत दृश्य देखते है 

3- मनसा देवी टेम्पल

51 शक्ति पीठो में से एक मनसा देवी मंदिर हर की पौड़ी से 1 किलोमीटर दूर पर स्थित मनसा देवी मंदिर जहाँ 


पर्यटक का अगला पड़ाव पड़ता है पहाड़ी की छोटी पर विराजमान माँ मनसा देवी जी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को कई सीढिया चढ़कर ऊपर जाना पड़ता है ।मंदिर परिसर में मौजूद एक वृक्ष में दर्शनार्थी अपनी मनोकामना का धागा बांधते है जब उनकी कामना पूरी हो जाती ही तो पुनः हरिद्वार जा कर धागा खोल देते है ।

मंदिर तक पहुंचने के लिए 3 तरीके है –

पैदल यात्रा करके मनसा देवी मंदिर तक पहुंच सकते है जो की पहाड़ पर बना हुआ है ये जो ट्रैकिंग का समय लगता है लगभग 40 मिनट में आसानी से तय कर सकते है ।

सीढ़ियों के माध्यम से लगभग 1 हजार से भी अधिक सीढिया चढ़कर मंदिर तक पंहुचा जा सकता है

रोपवे के द्वारा जिसका किराया 150 रुपए आने और जाने का निर्धारित है ध्यान देने बलि बाते मंदिर परिसर में फोटोग्राफी करना शाक्त मन है इसका पालन करे ।

मंदिर खुलने का समय सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक और सर्दियों के मौसम में 6:30 बजे मंदिर बंद कर दिया जाता है ।

4. शांति कुञ्ज


शांतिकुंज एक आध्यात्मिक शिक्षा केंद्र है यहां पर जीवन जीने की शैली सिखाया जाती है ताकि व्यक्ति अपने देश और परिवार के लिए मानव जीवन में शिक्षा के साथ-साथ अपनी आध्यात्मिक उन्नति भी करे।

यहाँ पर दी जाने बलि शिक्षा का कोई शुल्क नहीं लिया जाता बल्कि साथ में शिक्षा लेने आने बाले व्यक्तियों को रहने और खाने की निशुल्क व्यवस्था दी जाती है .

इसके अलाबा यहाँ पर गायत्री माता मंदिर और अखंड ज्योति मंदिर जो 1926 से लगातार जल रही है इसके अलाबा यहाँ पर यज्ञ शाला , योग केंद्र , यात्रियों को ठहरने की उत्तम व्यवस्था के साथ साथ खाने की फ्री सुबिधा उपलब्ध है ।

5. भारत माता मंदिर


भारत देश को समर्पित यह मंदिर 7 मंजिला बना हुआ है जहां पर हर मंजिला में अलग -अलग मंदिर है जिनके अपनी अलग बिशेषता है – इसे घूमने के लिए लिफ्ट के माद्यम से टॉप मंजिला से नीचे की तरफ आना होता है –

चलिए जानते है सभी मंदिरो के महत्व क्या है –

7 मंजिला में भगवान् शिव का मंदिर जहाँ उनके बिभिन्न रूपों के दर्शन मिलते है .

6 मंजिलाभगवान व्रिष्णु कोसमर्पित है जहाँ उनके बिभिन्न अवतारों के दर्शन प्राप्त होते है .

5 शक्ति मंदिर यहाँ पर माँ दुर्गा के अलग अलग रूपों के दर्शन मिलते है.

खंड 4 में हमारे देश के बिभिन्न राज्यों के बारे में बताया गया ऐसा बहुत कम ही लोगो ने देखा होगा.

खंड ३ में हमारे देश के प्रसिद्द और पुज्य्नीय संतो के दर्शन मिलते है एक ही मंदिर में इतने संतो के दर्शन मिलना बहुत सौभाग्य की बात है

खंड २ मातृ मंदिर जहाँ पर प्रसिद्द मातृ प्राचीन शक्तियों की प्रतिमाये बनी हुयी है जो बहुत कम लोगो ने देखि होगी.

पहले मंजिला में शूर मंदिर स्थित है जहां उन लोगो की प्रतिमाये बनी हुयी है जिन लोगो ने हमारे भारत देश को स्वतंत्र कराने में अहम् भूमिका निभाया था.

6. चंडी देवी मंदिर

हरिद्वार का मशहूर मंदिर चंडी देवी मंदिर नील पर्वत पर स्थित है हरिद्वार पौराणिक शहर है जो हिन्दू तीर्थो का तीर्थ स्थल भी है इस स्थान में जगह जगह पर मंदिर है जिनके अपने -अपने महत्त्व है ।


भारत में मौजूद 51 शक्ति पीठो में से एक चंडी देवी मंदिर ये वही स्थान है जहाँ शुम्भ और निशुम्भ को मार कर देवी ने कुछ समय यहाँ विश्राम किया था ।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब शुम्भ और निशुम्भ राक्षसों ने धरती पर प्रलय मचाया था तब देवताओ ने उनका संहार करने का प्रयास किया और उन्हें सफलता नहीं मिला तब चंडी देवी ने खम्भ रूप प्रकट होकर दोनों राक्षसों का बद्ध किया ।तब से माता यही पर विराजमान होकर अपने भक्तो का कल्याण कर रही है ।हरे भरे प्राकृतिक वातावरण के बीच दर्शनार्थियों को आस्था की ज्योति लिए पहाड़ी गलियारों से 3 किलोमीटर की लम्बी रास्ता पैदल पार करते है । यहाँ आकर सच में एक अलग ही अनुभव होने बाला है।

मदिर तक पहुंचने के लिए 3 रास्ते है –

पैदल रास्ता जो 3 किलोमीटर की चढ़ाई चढ़नी पड़ती है

दूसरा रास्ता – सीढ़ियों के माद्यम से

तीसरा रास्ता- जो सबसे आसान बना देता है वो हो रोपवे

7. चिल्ला वाइल्ड लाइफ सेंचुरी

यदि आप जानवरो से प्यार करते है और जंगली पशुओ और पक्षियों को देखने में रूचि रखते है तो ये जगह आपके लिए है यहाँ पर भारत में पाए जाने बाले कई जंगली जानवरो को सैर करते हुए देख पाएंगे । यहाँ की एंट्री फीस 150 रूपए निर्धारित है

8. माया देवी मंदिर

माया देवी शक्तिपीठ हरिद्वार के हर की पौड़ी से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो माता सती को समर्पित है।

पौराणिक कथा के अनुसार माता सती के पिता प्रजापति दक्ष ने विशाल यज्ञ का आयोजन करवाया ।

जिसमे ब्रह्मा , वृषनु इंद्रा और अन्य देवी देवताओ को आमंत्रित किया लेकिन अपने दामाद भगवान् शिव को इस यज्ञ में आमंत्रित नहीं किया तब माता सती बहुत क्रोधित हुयी और अपमान करने का कारण जानने के लिए यज्ञ स्थल पहुंची ।

और अपने पिता से कारण पूछी इस पर दक्ष ने अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया तब देवी यज्ञ कुंड में कूद कर आत्म दाह कर लिया तब शंकर जी ने अपने तीसरी आँखे खोल दी और पूरे ब्रह्माण्ड में हाहाकार मच गया ।भगवान् शिव के आदेश पर वीरभद्र ने दक्ष का सर काट दिया और शिव जी ने सती का पार्थिव शरीर लेकर पूरे पृथ्वी में तांडव करने लगे जिससे महाप्रलय आ गया।

9. पावन धाम



कांच से बना यह मंदिर अपनी सुंदरता के लिए पूरे भारत में प्रसिद्द है इस मंदिर की नक़्क़शी कांच से इस तरह करी गयी है की एक ही प्रतिमा कई बार दिखयी पड़ती है यहाँ पर हिन्दू देवी देवताओं की सुन्दर झांकियो से सुसज्जित किया गया है ।इस घाट पर अक्सर लोग ध्यान लगाने और मन की शांति के लिए लोग पहुंचते है।सप्त सरोबार रोड पर बना यह मंदिर हरिद्वार का मुख्य मंदिर है जहाँ सबसे ज्यादा पर्यटक आते है ।

ये विशेष रूप से कांच की कलाकरियो के लिए जाना जाता है यह स्थान हरिद्वार रेलवे स्टेशन से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है

10. व्रिष्णु घाट

हरिद्वार की प्रसिद्द जगहों में से एक व्रिष्णु घाट पर्यटकों के बीच प्रसिद्द है गंगा स्नान के लिए इस स्थान का वर्णन हिन्दू पौराणिक कथ्यो में मिलता है कहा जाता है की त्रेता युग में भगवान वृषनु जी ने यहाँ पर गंगा स्नान किये थे तब से इस जगह का महत्त्व है ।

जब आप हरिद्वार घूमने जाये तो इस पावन सिद्ध जगह पर स्नान करने अवश्य जाये और अपनी मनवांछित इक्षा की मन्नत मांगे ।वृषनु घाट पर कुछ मदिर भी है जो काफी प्राचीन है ।

11. दक्ष महादेव

हरिद्वार से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शिव को समर्पित मंदिर में सावन महीने में लाखो श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते है यह मंदिर काफी खूबसूरत है ।इसका पौराईक महत्त्व मिलता है की ये वही स्थान है जहा अपने पिता के द्वारा भगवान शिव को अपमानित किये जाने पर देवी सती ने अपना प्राण त्याग दिया था ।

12. नील धारा हरिद्वार

हरिद्वार में स्थित ये जगह प्रसिद्द है माँ गंगे के सुन्दर वातावरण के बीच स्वक्ष नीले रंग के जल के लिए इसके साथ साथ नदी के दोनों छोर पर पहड़ो से ढाका हुआ ये स्थल काफी सौंदर्य लगता है मनो वक्त ठहर सा गया हो ।नील धारा घाट के एक छोर पे चंडी देवी मंदिर और दुसरे छोर पर मनसा देवी मंदिर स्थित है तभी तो यह स्थान काफी शानदार है सुबह की व्यायाम के लिए यहाँ जा सकते है ।

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