झांसी में भ्रमण के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक एवं पर्यटन स्थल

 झांसी में घूमने की जगह

झांसी कभी सशक्त ओरछा राज्य हुआ करता था तब ये शहर बलबंत नगर के नाम से जाना जाता था और उनका जीवन यापन दूध दही और लकड़ी बेचकर हुआ करता था यानी कि कृषि कार्य करके अपना जीवन यापन किया करते थे और तभी एक समय ऐसा आया जब अंग्रेजों ने भारत में बिजनेस करने की शुरुआत की और उसी समय इतिहास को स्वर्णिम बनाने के लिए झाँसी की रानी लक्ष्मी बायीं का जन्म हुआ ।

चलिए अब जानते है झाँसी के प्रमुख पर्यटन स्थल जिसे झाँसी घूमने के लिए ज्यादातर पर्यटक आते है –

1. झांसी का किला



झाँसी के इस किले का नाम सुनते ही सभी के जहन में एक ही बात याद आती हैं अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति जब रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से लड़ते लड़ते ग्वालियर के किला शहीद हुई थी दोस्तों झाँसी वही जगह है जहां पर रानी लक्ष्मीबाई का निवास स्थान था।जब भारत में अंग्रेजों का आगमन हुआ तब इतिहास को स्वर्णिम बनाने के लिए झांसी की रानी लक्ष्मी बाई का जन्म हुआ वही रानी लक्ष्मीबाई जिन्होंने बड़े बड़े योद्धाओं और अंग्रेजों के पसीने छुड़ा दिए थे.आपने सुभद्रा कुमारी चौहान की कुछ पंक्तियां सभी ने जरूर पढ़ा होगा

सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी.

इतिहास में रूचि रखने बाले लोगो के लिए झाँसी का यह किला बड़े सुन्दर ढंग रानी लक्ष्मीआई के पराक्रम को प्रस्तुत करता है अगर आप कभी झाँसी के आस पास से गुजरते है तो एक बार यहाँ विजिट जरूर करियेगा सच में बहुत ही शानदार लगेगा ।

2. रानी महल



रानी महल अपनी बेहतरीन नक़्क़शी दार डिजाईन और कलाकृतियों के लिए जाना जाता है जो टूरिस्टो को बहुत ज्यादा आकर्षित करता हैकिसी जमाने में रानी लक्ष्मीबाई का निवास स्थान हुआ करता था लेकिन अब यह एक संग्रहालय के रूप में बदल दिया गया है जहां 9 से 12 वीं शताब्दी के बीच की वस्तुओं और राजाओं के द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तुओं को संग्रहित कर के रखा गया है अब ये पूरी तरह से सरकारी देखरेख के अंदर आता है ।यह महल जो रानी लक्ष्मीबाई का निवास स्थान हुआ करता था अब उनकी बीरता की कहानी वयां कर रहा है यहाँ आपको उनकी बीरता को बड़ी खूबसूरत ढंग से चित्रों के माध्यम से देखने को मिलेगा

3. बरुआसागर झरना झांसी



झांसी शहर से लगभग 25 किलोमीटर की दूर बेतवा नदी के किनारे बना यह झरना साल भर पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।बेतवा नदी की बहती हुयी जलधारा यहाँ एक झरने का निर्माण करती है जिसे बरुआसागर का नाम दिया गया यह स्थान फॅमिली के साथ कुछ अच्छा समय बिताने के लिए बहुत ही शानदार प्लेस है ।यह झरना झाँसी में स्थानीय पर्यटकों का पसंदीदा स्थान है यहां अक्सर लोग अपने परिवार या दोस्तों के साथ फोटोग्राफी करते हुए दिख जायेंगे दोस्तों जब भी आप झांसी घूमने के लिए जाएं तो इस खूबसूरत झरने को अपने घूमने की लिस्ट में अवश्य शामिल करें.

4. सखी के हनुमान मंदिर झाँसी



जैसा की इसके नाम से ही पता लगता है की ये मंदिर अन्य हनुमान मंदिरो से बिलकुल अलग है ये हिन्दू पावन धाम इसीलिए भी प्रसिद्द है क्योंकि राम भक्त हनुमना यहाँ स्त्री के रूप में विराजमान है ।मंदिर के प्रवेश द्वार में श्री राम की बहुत ही सुन्दर प्रतिमा स्थापित की गयी है इनके साथ ही मंदिर में कई हिन्दू देवी देवताओं को जीवंत लगने बलि मूर्ती रूप में विराजमान किया गया ।वैसे तो ये मंदिर हनुमना टेम्पल है लेकिन यहाँ कई हिन्दू देवी देवताओं के दर्शन जीवंत लगने बलि मूर्ती के रूप में होते है जैसे शिब जी के साथ माता पारवती , राधा कृष्ण , राम सीता , और माता दुर्गा इसीलिए झाँसी के धार्मिक स्थल में इस स्थान को हिन्दू तीर्थ स्थान भी कहा जाता है यह मंदिर झाँसी से ग्वालियर जाने बलि रोड में पड़ता है।

5. गणेश मंदिर

झांसी में इस मंदिर को हर कोई जानता है क्योंकि यह मंदिर लगभग 500 वर्ष पुराना है और इसी मंदिर में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का विवाह हुआ था .इसी वजह से मंदिर बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है जब भी आप झाँसी के दार्शनिक स्थल में जाये तो गणेश मंदिर को अवश्य विजिट करे यहां भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने के लिए हर रोज हजारों की तादाद में सैलानी आते हैं।अगर आप धार्मिक स्थानों में रुचि है तो एक बार गणेश मंदिर को जरुर विजिट करें आपको यहां आकर झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की इतिहास की कुछ जानकारी मिलेगी क्योंकि उनका ये विवाह स्थल है।

6. हर्बल गार्डन

अगर आप विज्ञान में रुचि रखते हैं तो इस गार्डन में आपको अवश्य जाना चाहिए झांसी के कैंट एरिया में बना यह पार्क एक अलग तरीके से बनाया गया है यहाँ ख़राब हो चुकी वस्तुओं से भारत का बेहतरीन नक्शा डिजाइन किया गया जो अपने आप में एक अलग तरह का आर्किटेक्टर है ।झांसी में हर्बल गार्डन काफी ज्यादा लोकप्रिय घूमने का स्थान है हरे भरे सुंदर गार्डन के बीच में सजे हुए बेहतरीन डिजाइन से टूटी हुई वस्तुओं से बनी हुई विभिन्न प्रकार की चीजें हैं ।जो आने बाले पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र है इसीलिए इस पार्क में सुंदर हरियाली के बीच में घूमने का अलग ही अनुभव होता है ।

7. चतुर्भुज मंदिर



झाँसी केवल अपने इतिहास के लिए ही नहीं प्रसिद्द है बल्कि ऐतिहासिक धरोहरों के साथ साथ यह धार्मिक तीर्थ स्थल लिए भी यहाँ भगवान विष्णु का चतुर्भुज मंदिर है जो झांसी में घूमने की जगह में काफी ज्यादा फेमस है यहां हर साल लाखों दर्शनार्थी भगवान वृषनु के दर्शन के लिए आते हैं ।झांसी और ओरछा दुर्ग के समीप बना या मंदिर बेतवा नदी के किनारे पर स्थित है मंदिर परिसर से नदी के सुंदर जलधारा का दृश्य पर्यटकों को काफी ज्यादा आकर्षित करता है ।

8. महालक्ष्मी मंदिर



झांसी किला के गेट के सामने बना महालक्ष्मी मंदिर जब भी यहां पर्यटक झाँसी का किला घूमने जाते है तो उन्हें गेट पर ही बना लक्ष्मी मंदिर मिलता है जहां सबसे पहले पर्यटक मंदिर में पूजा अर्चना करते है उसके बाद अपनी झाँसी घूमने की शुरुआत करते है ।यह कोई साधारण मंदिर नहीं है बल्कि झांसी के लोगों का कुल देवी मंदिर है इसी वजह से यहां पर रोजाना सुबह से लेकर शाम तक मंदिर परिसर में भीड़ देखने को मिलती है. महालक्ष्मी मंदिर झाँसी पर्यटन स्थल का मुख्य भाग है ।

9. झांसी म्यूजियम



यह जगह उन लोगों के लिए बेहतरीन है जिन्हें भारत की इतिहास की जानकारी में लगाव होता है और भारत के इतिहास के बारे में कुछ जानना चाहते हैं क्योंकि यहां पर 1957 की क्रांति से पहले की वस्तुए देखने को मिल जायेंगी।यहां चंदेल काल के कई तस्वीरें मूर्तियां हथियार, औजार वस्त्र इत्यादि प्रकार की फोटोग्राफी देखने के लिए मिलेंगे यकीन मानिए दोस्तों आप यहां जाने के बाद एक बार सोचने पर मजबूर हो जाएंगे उस जमाने में किस तरह से लोग जीवन यापन किया करते थे ।

झांसी म्यूजियम खुलने का समय- सुबह 10:00 बजे से लेकर 5:00 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है जिसका टिकट मात्र ₹5 होता है. और इसके अलावा हर सोमवार और महीने के पहले शनिवार को बंद रहता है.

10. ओरछा

झाँसी दुर्ग के भीतर ओरछा भी आता है लेकिन अब यह मध्यप्रदेश का हिस्सा बन चूका है अगर आप झाँसी का टूर कर रहे है तो यहाँ के कुछ पर्यटन स्थल झाँसी में है तो कुछ ओरछा में और दोनों अलग अलग राज्य में स्थित है झाँसी उत्तरप्रदेश का हिस्सा है जबकि ओरछा मध्यप्रदेश का भाग है इनकी दूरी मात्रा 12 किलोमीटर है।

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