चित्रकूट : जलभराव और कीचड़, आवागमन में दिक्कत, राजापुर कस्बा व आसपास के गांव की सड़कें जर्जर

 चित्रकूट। तीन दिन से रुक रुक कर हो रही बरसात से लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है, लेकिन लोग जलभराव और कीचड़ से जूझ रहे हैं। बारिश उड़द, मूंग व धान के लिए अच्छी साबित होगी, लेकिन अन्य फसलों वाले खेतों में जलभराव होने से नुकसान है।

राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के नगर अध्यक्ष शंकर दयाल जायसवाल व समाजसेवी सुनील मिश्रा ने सोमवार को डीएम को पत्र दिया। बताया कि ग्राम पंचायत चिल्लीराकस के मजरा यादव पुरवा को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग में पानी से भरा हुआ है। इससे आवागमन में परेशानी हो रही है।

मजरे के राजकुमार तिवारी, बसंत निषाद, नरेंद्र यादव आदि ने आवागमन सुचारु करने की मांग की है।

चित्रकूट में भगवान श्रीराम की तपोस्थली यात्रीकर फ्री जोन घोषित

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश (चित्रकूट) में भगवान श्रीराम की तपोस्थली को यातायात के लिए फ्री जोन घोषित कर दिया गया है। दोनों राज्यों के बीच बीच हुए करार के तहत अब एक-दूसरे की सीमा में आने-जाने के लिए यूपी व एमपी के वाहनों को सीमा पर पैसेंजर टैक्स नहीं देना पड़ेगा। अभी तक दोनों राज्य सभी वाहनों से सीमा पर पैसेंजर टैक्स वसूलते थे। मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक के परिप्रेक्ष्य में मध्य प्रदेश सरकार ने इस फैसले पर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इस टैक्स को समाप्त करने के लिए योगी सरकार ने वर्ष 2021 में ही नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके बाद कई बार दोनों सरकारों के बीच इस मुद्दे पर बातचीत भी हुई। मगर बात बन नहीं सकी लेकिन सोमवार को मध्य प्रदेश में हुई मध्य क्षेत्रीय बैठक के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने टैक्स को समाप्त करने की हरी झंडी दे दी है। गौरतलब है कि चित्रकूट स्थित तीर्थ क्षेत्र के साधु-संत लंबे समय से दोनों राज्य के सीमा पर लगने वाले इस टैक्स को माफ करने की मांग कर रहे थे।धर्मनगरी क्षेत्र में रामघाट पर मंदाकिनी नदी के एक तरफ यूपी क्षेत्र और दूसरी तरफ एमपी क्षेत्र पड़ता है। यहां के कुछ तीर्थस्थल यूपी और कुछ एमपी में पड़ते हैं। मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार मध्य प्रदेश में पड़ने वाले चित्रकूट स्थानीय क्षेत्र के अंतर्गत यूपी की सीमा से कर्वी की ओर के स्थान और मार्ग जैसे गुप्त गोदावरी, सती अनुसुईया आश्रम, स्फटिक शिला, जानकी कुंड, प्रमोद वन, कामतानाथ पर्वत (एक द्वार), सीताचरण, हनुमान धारा, सीता रसोई, कोटिनाथ, देवागन और रामघाट सम्मिलित होंगे।


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